Paragraph on basant panchami in hindi. वसन्त पञ्चमी 2022-11-16

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बसंत पंचमी हिंदू धर्म में एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह हर वर्ष फरवरी माह के पंचमी को मनाया जाता है। इस त्यौहार पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और उनके अपने स्वरूप में वनवास किया जाता है। इस दिन विष्णु के मंदिरों में धूप-दीप जलाए जाते हैं और विधि-विधान के अनुसार भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।

इस त्यौहार पर लोग अपने घरों, मंदिरों और मंदिरों को सुंदर-सुंदर सजाते हैं और अपने घरों में हर्ष और उल्लास से धूप-दीप जलाते हैं। इस दिन लोग अपने परिवार और मित्रों से मिलकर भगवान विष्णु की पूजा क

वसंत पंचमी 2022

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. . Why Do We Celebrate Vasant Panchami Festival वसंत पंचमी को वसंत ऋतु के आगमन में माघ माह के पांचवे दिन मनाया जाता है। अपने मनोहर मौसम के कारण इसे मौसमों के राजा के रुप में भी जाना जाता है। इस ऋतु को सभी ऋतुओं में सबसे श्रेष्ठ माना गया है। इस ऋतु में खेतों में फसलें लहलहा रही होती हैं, जो इस ऋतु के मनोरमता को और भी उतकृष्ट बनाता है। इसके अलावा ऐसी मान्यता है कि इसी दिन माता सरस्वती का जन्म भी हुआ था, इसलिए इस दिन भारत के कई क्षेत्रों में सरस्वती पूजा के कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। इस दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनकर पीले फूलों द्वारा माता सरस्वती की पूजा-अर्चना करते हैं, क्योंकि पीले रंग को वसंत का प्रतीक माना गया है। वसंत पंचमी कैसे मनाते हैं How Do We Celebrate Vasant Panchami Festival भारत के विभिन्न प्रांतो में वसंत पंचमी का यह दिन विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। इस त्योहार से जुड़े कई पौराणिक कारणों से इसे देवी-देवताओं के प्रति विशेष समर्पण के साथ मनाया जाता है। इस दिन देश के कई हिस्सों में खासतौर से उत्तर भारत में वसंत पंचमी को सरस्वती पूजा के रुप में भी मनाया जाता है। जिसमें माता सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करते हुए काफी धूम-धाम से सरस्वती पूजन का उत्सव मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में नवयुवकों तथा छात्रों द्वारा काफी बड़-चढ़कर हिस्सा लिया जाता है और उनके द्वारा देवी सरस्वती से सद्बुद्धि और ज्ञान की प्रर्थना की जाती है। क्योंकि वसंत पंचमी के समय शीत ऋतु की फसले अपने पूर्ण रुप में होती हैं, इसलिए इस दिन को किसानों द्वारा समृद्धि के उत्सव के रुप में भी मनाया जाता है। पंजाब प्रांत में इस दिन पतंगबाजी की प्रथा है, इस प्रथा को महाराजा रंजीत सिंह द्वारा शुरु किया गया था। आज के समय में भी वसंत पंचमी के दिन पजांब के कई स्थानों पर पतंग उड़ायी जाती है। वसंत पंचमी के दिन कलाकारों द्वारा भी काफी धूम-धाम से मनाया जाता है, इस दिन उनके द्वारा अपने कलाकृतियों की पूजा-अर्चना तथा प्रदर्शनी की जाती है। यह दिन नवीन ऋतु के आगमन का दिन होता है। इस समय के दौरान पुराने पत्ते झड़ जाते है और नये पत्ते आते है, जिससे इस दिन की मनोरमता और भी बढ़ जाता है। इस दिन लोग विभिन्न स्थलों पर लगने वाले बसंत मेलो में जाते है, इसके साथ ही पौरणिक दिन होने के कारण इस दिन लोग नदियों में स्नान करने का भी एक विशेष प्रथा है। वसंत पंचमी मनाने की आधुनिक परम्परा Modern Tradition of Vasant Panchami Festival Celebration आज के समय में हर पर्व के तरह वसंत पंचमी का का भी आधुनिकरण हो चुका है। पहले की समय में लोग इस दिन वसंत के आगमन में प्रकृति की पूजा किया करते थे तथा सरस्वती पूजा के रुप में इस दिन को शांतिपूर्वक मनाते थे। जिसमें इसकी मूर्तियां क्षेत्र के मूर्तिकारों द्वारा बनायी जाती थी। जिससे उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त होते थे, परन्तु आज के आधुनिक युग में मूर्तियों से लेकर सजावटी सामान तक जैसी सारी वस्तुएं बड़े बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठानों द्वारा तैयार की जाती हैं। इसके साथ ही अब के त्योहार में लोगो के बीच पहले की तरह समरसता देखने को नही मिलती है, आज के समय सरस्वती पूजा के दिन विभिन्न स्थानों पर हिंसा तथा लड़ाई झगड़े की घटनाएं देखने को मिलती है। हमें इस विषय पर अधिक से अधिक प्रयास करना चाहिए की हम वसंत पंचमी के असली अर्थ को समझे और इसकी प्राचीन प्रथाओं तथा परम्पराओं को बनाये रखे। वसंत पंचमी का महत्व Significance of Vasant Panchami Festival भारत में छः प्रमुख ऋतुएँ होती है और इनमें से वसंत को सबसे प्रमुख माना गया। यहीं कारण है कि इसे ऋतुओं का राजा भी कहा गया है। इस ऋतु में मौसम काफी सुहाना होता है और इसकी निराली छंटा देखने को ही मिलती है। इस मौसम मं खेतों में फसले लहलहा रही होती हैं और अपनी अच्छे फसलों को देखकर किसान भी काफी प्रफुल्लित होते है। स्वास्थ्य के हिसाब से भी यह मौसम काफी बेहतर होता है। इसके सात ही वसंत पंचमी के दिन से कई सारी ऐतहासिक तथा पौराणिक कथाएं भी जुड़ी हुई है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी सरस्वती का जन्म भी हुआ था, इसलिए इस दिन को कई स्थानों पर सरस्वती पूजा के रुप में भी मनाया जाता है। इस दिन के उत्सव में कई स्थानों पर बसंत मेला का भी आयोजन किया जाता है। एक तरह से शस्त्र पूजन के लिए जो महत्व विजदशमी के दिन का है ठीक उसी प्रकार से विद्यार्थियों और कलाकारों के लिए वसंत पंचमी के दिन का महत्व है। इन्हीं प्राकृतिक परिवर्तनों और विशेषताओं के कारण वसंत पंचमी के दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। वसंत पचंमी का पौराणिक महत्व Mythological Significance of Vasant Panchami Festival वसंत पंचमी से कई सारी पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई है। लेकिन इससे जुड़ी जो सबसे प्रमुख कथा है वह देवी सरस्वती से जुड़ी हुई है, जिसके अनुसार- जब सृष्टि की उत्पत्ति हुई थी तो वातावरण में चारो ओर नीरसता, उदासी छायी थी और संसार में कोई खुशी नही थी। ऐसा महौल देखकर ब्रम्हा जी को काफी दुख हुआ। जिसके बाद उन्होंने भगवान विष्णु से अनुमति लेते हुए, अपने कमंडल से जल छिड़का। जिससे देवी सरस्वती उत्पन्न हुई और इसके बाद उन्होंने अपने वीणा वादन द्वारा सभी पशु-पक्षियों में वाणी और बुद्धि का संचार किया। जिससे सृष्टि में फैली हुई उदासी दूर हो गयी और चारो ओर हर्ष और उल्लास फैल गया। इसलिए देवी सरस्वती को ज्ञान और बुद्धिमता के देवी का दर्जा भी दिया जाता है और इसी वजह से वसंत पंचमी के दिन को सरस्वती पूजा के रुप में भी मनाया जाता है। वसंत पंचमी का इतिहास History of Vasant Panchami Festival वसंत पंचमी का दिन भारतीय इतिहास के कई प्रमुख परिवर्तनों तथा कहानियों से जुड़ा हुआ है। इतिहास के अनुसार तराइन के दूसरे युद्ध में जब पृथ्वीराज चौहान को मोहम्मद गोरी द्वारा बंदी बनाकर अफगानिस्तान ले जाया गया था। तब वसंत पंचमी के दिन ही पृथ्वीराज चौहान ने अपने शब्धभेदी बाण द्वारा मोहम्मद गोरी को मौत के घाट उतारा था। इसके अलावा वसंत पंचमी के दिन की दूसरी घटना लाहौर निवासी वीर हकीकत से जुड़ी हुई है। जिसमें छोटे उम्र के बालक वीर हकीकत ने वसंत पंचमी के दिन ही अपने धर्म की रक्षा करते हुए, हसते-हसते अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया। भारत के महान राजा और उज्जैन के शासक राजा भोज पवांर का जन्म भी वसंत पंचमी के दिन ही हुआ था। इस दिन उनके राज्य में एक बड़े भोज का आयोजन किया जाता था। जिसमें उनके पूरी प्रजा को भोजन कराया जाता था और यह कार्यक्रम वसंत पंचमी से शुरु होकर अगले 40 दिनों तक चलता रहता था। इसका अलावा प्रसिद्ध गुरु तथा कूका पंथ की स्थापना करने वाले गुरु रामसिंह कूका का जन्म भी वसंत पंचमी के दिन ही हुआ था। उनके द्वारा भारतीय समाज के बेहतरी के लिए कई सारे कार्य किये गये थे। इन्हीं सब ऐतहासिक घटनाओं के कारण वसंत पंचमी का दिन लोगो में इतना लोकप्रिय है और इसे पूरे भारतवर्ष में विभिन्न कारणों से इसे काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। Post navigation. अभिगमन तिथि 29 जनवरी 2020. Free Essays On Hindi Essay On Basant Panchami Through gets fractured and he has a hindi essay writing compotition tom. .

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बसंत पंचमी/सरस्वती पूजा पर निबंध

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Panchami Tithi is getting over at 09:05 a. Basant Panchami Essay Speech In Hindi बसंतपंचमीपरसरस्वतीपूजा 2022 में 5 फरवरीशनिवारकोहै।बसंतपंचमीहिंदुओंकालोकप्रियत्योहारहै, जिसेवसंतपंचमीऔरसरस्वतीपूजाकेनामसेभीजानाजाताहै।हिंदूपंचांगकेअनुसार, माघमहीनेमेंशुक्लपक्षकीपंचमीतिथिकोविद्याकीदेवीसरस्वतीकाजन्महुआथा।इसदिनसरस्वतीकीपूजाकीजातीहै।बसंतपंचमीसेबसंतऋतूप्रारम्भहोतीहै।बसंतपंचमीपरमातासरस्वतीकोपीलेफूलअर्पितकिएजातेहैं।मंदिरोंकेसाथसाथस्कूलों, कॉलेजोंऔरसभीशैक्षणिकसंस्थानोंमेंमांसरस्वतीकीपूजाकीजातीहै।छात्रसमेतसभीलोगविद्याकीदेवीमांसरस्वतीकीपूजाकरतेहैंऔरमातासेशिक्षाकाआशिर्वादप्राप्तकरतेहैं।बसंतपंचमीहोलीकेपर्वकेआगमनकाभीप्रतिकहै।स्कूलोंमेंछात्रोंकेलिएसरस्वतीपूजाबसंतपंचमीपरनिबंधलिखनेकेलिएदियाजाताहै।ऐसेमेंकरियरइंडियाआपकेलिएबसंतपंचमीसरस्वतीपूजापरनिबंधलिखनेकाटॉपिक, आईडियाऔरड्राफ्टलेकरआयाहै।जिसकीमददसेछात्रआसानीसेसरस्वतीपूजाबसंतपंचमीपरनिबंधलिखपढ़सकतेहैं।तोआइयेजानतेहैंसरस्वतीपूजाबसंतपंचमीपरनिबंधकैसेलिखें। सरस्वतीपूजाबसंतपंचमीपरनिबंध Essay On Basant Panchami In Hindi वसंतपंचमीकापर्वउत्तरऔरदक्षिणभारतमेंअलग-अलगतरीकोंसेमनायाजाताहै।झारखंड, बिहार, राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेशऔरछत्तीसगढ़मेंबसंतपंचमीपरदेवीसरस्वतीकीपूजाकीजातीहै, जबकिपंजाबमेंबसंतपंचमीकोफसलउत्सवकेरूपमेंमनातेहैं।बसंतपंचमीपरलोगपीलेकपड़े, पीलेफूलऔरपीलीमिठाईकाउपयोगसरस्वतीपूजामेंकरतेहैं।बसंतपंचमीजीवनऔरप्रकृतिकीसकारात्मकऊर्जाकाप्रतीकहै।बसंतपंचमीकापर्वहिंदू, जैन, सिखऔरबौद्धधर्मकेलोगभीमनातेहैंऔरदेवीसरस्वतीकीपूजाकरतेहैं। बसंतऋतूआतेहीजबफूलोंपरबहारआजाती, खेतोंमेसरसोंकासोनाचमकनेलगता, जौऔरगेहूंकीबालियांखिलनेलगतीं, आमोंकेपेड़ोंपरबौरआजाताऔरहरतरफरंग-बिरंगीतितलियांमंडरानेलगतींहैं।बसंतऋतुकास्वागतकरनेकेलिएमाघमहीनेकीपंचमीतिथिपरदेवीसरस्वरीकीपूजाकीजातीहै।भगवानविष्णुऔरकामदेवकीपूजाभीहोतीहै।शास्त्रोंमेंबसंतपंचमीकोऋषिपंचमीसेउल्लेखितकियागयाहै।पुराणों-शास्त्रोंतथाअनेककाव्यग्रंथोंमेंभीअलग-अलगढंगसेइसकाचित्रणमिलताहै।लेकिनबसंतपंचमीमेंविशेषतौरपरविद्याकीदेवीसरस्वतीकीपूजाकाविधानहै।इसदिनस्त्रियांपीलेवस्त्रधारणकरतीहैं। बसंतपंचमीसेजुड़ीएकलोककथाकेअनुसार, सृष्टिकेप्रारंभिककालमेंभगवानविष्णुकीआज्ञासेब्रह्मानेजीवों, खासतौरपरमनुष्यकीरचनाकी।अपनीसर्जनासेवहसंतुष्टनहींथे।उन्हेंलगताथाकिकुछकमीरहगईहैजिसकेकारणचारोंओरमौनछायारहताथा।विष्णुसेअनुमतिलेकरब्रह्मानेअपनेकमण्डलसेजलछिड़का, पृथ्वीपरजलकणबिखरतेहीउसमेंकंपनहोनेलगा।इसकेबादवृक्षोंकेबीचसेएकअद्भुतशक्तिकाप्राकट्यहुआ।यहप्राकट्यएकचतुर्भुजीसुंदरस्त्रीकाथा, जिसकेएकहाथमेंवीणातथादूसराहाथवरमुद्राथी।अन्यदोनोंहाथोंमेंपुस्तकएवंमालाथी। ब्रह्मानेदेवीसेवीणाबजानेकाअनुरोधकिया।जैसेहीदेवीनेवीणाकामधुरनादकिया, संसारकेसमस्तजीव-जन्तुओंकोवाणीप्राप्तहोगई।जलधारामेंकोलाहलव्याप्तहोगया।पवनचलनेसेसरसराहटहोनेलगी।तबब्रह्मानेउसदेवीकोवाणीकीदेवीसरस्वतीकहा।सरस्वतीकोबागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनीऔरवाग्देवीसहितअनेकनामोंसेपूजाजाताहै।देवीसरस्वतीविद्याऔरबुद्धिप्रदाताहैं।संगीतकीउत्पत्तिकरनेकेकारणयेसंगीतकीदेवीभीहैं।बसन्तपंचमीकेदिनकोइनकेजन्मोत्सवकेरूपमेंभीमनातेहैं। ऋग्वेदमेंभगवतीसरस्वतीकावर्णनकरतेहुएकहागयाहैकिप्रणोदेवीसरस्वतीवाजेभिर्वजिनीवतीधीनामणित्रयवतु।अर्थातयेपरमचेतनाहैं।सरस्वतीकेरूपमेंयेहमारीबुद्धि, प्रज्ञातथामनोवृत्तियोंकीसंरक्षिकाहैं।हममेंजोआचारऔरमेधहैउसकाआधारभगवतीसरस्वतीहीहैं।इनकीसमृद्धिऔरस्वरूपकावैभवअद्भुतहै।पुराणोंकेअनुसारश्रीकृष्णनेसरस्वतीसेखुशहोकरउन्हेंवरदानदियाथाकिवसंतपंचमीकेदिनतुम्हारीभीआराधनाकीजाएगीऔरइसतरहभारतकेकईहिस्सोंमेंवसंतपंचमीकेदिनविद्याकीदेवीसरस्वतीकीपूजाहोनेलगी। वसंतऋतुआतेहीप्रकृतिकाकण-कणखिलउठताहै।मानवतोक्यापशु-पक्षीतकउल्लाससेभरजातेहैं।हरदिननईउमंगसेसूर्योदयहोताहैऔरनईचेतनाप्रदानकरअगलेदिनफिरआनेकाआश्वासनदेकरचलाजाताहै।योंतोमाघकायहपूरामासहीउत्साहदेनेवालाहै, परवसंतपंचमीकापर्वभारतीयजनजीवनकोअनेकतरहसेप्रभावितकरताहै।प्राचीनकालसेइसेज्ञानऔरकलाकीदेवीमांसरस्वतीकाजन्मदिवसमानाजाताहै।जोशिक्षाविदभारतऔरभारतीयतासेप्रेमकरतेहैं, वहइसदिनमांशारदेकीपूजाकरउनसेऔरअधिकज्ञानवानहोनेकीप्रार्थनाकरतेहैं। कलाकारोंकातोकहनाहीक्या? Short Basant Panchami Essay in Hindi, बसंत पंचमी पर निबंध बसंत पंचमी पर निबंध- Basant Panchami Essay in Hindi भारत त्योहारों का देश है जहाँ पर सभी त्योहार बड़ी धुमधाम से मनाए जाते हैं। बसंत पंचमी मुख्य रूप से पूर्वी भारत में मनाया जाता है जो कि लोगों को हर्ष और उल्लास से भर जाता है। यह प्रत्येक वर्ष माघ के माह की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार विद्या की देवी सरस्वती से जुड़ा हुआ है। इस दिन सरस्वती देवी की पूजा की जाती है। विशेष रूप से लोग इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनते हैं। इस दिन पीले मीठे चावल भी बनाए जाते हैं। लोग बसंत पंचमी के त्योहार पर पतंगे उड़ाते हैं और आनंद लेते है। बसंत पंचमी को श्रीपंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन खेतों में पीली सरसों की फसलें लहलहाती हुई नजर आती हैं जो कि बहुत ही मनमोहक लगती है। इस समय शरद रितु खत्म होने लगती है और पेड़ो पर नए पत्ते और फूल उगने लगते हैं। बसंत पंचमी के दिन ही हिंदुओं के अनुसार बच्चों के शिक्षण कार्य की शुरूआत की जाती है। इस दिन बच्चे से पहला अक्षर लिखवाया जाता है। स्कूलों और कॉलेजों में भी सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है। मूर्ति पूजा कर उसका विसर्जन किया जाता है। बहुत से स्थानों पर बसंत पंचमी के त्योहार के उपलक्ष्य में मेले लगाए जाते हैं। बसंत पंचमी की शाम को सभी एक दुसरे को गले लगाकर खुशी व्यक्त करते हैं। इस समय मौसम बहुत ही खुशनुमा होता है। लेकिन आज के समय में बसंत पंचमी के नाम पर आडंबर किया जाता है। पूजा वंदना की बजाय लोग ऊँची आवाज में फिल्मी गाने लगातो हैं और शोरगुल करते हैं। बसंत पंचमी के त्योहार के दिन बहुत सी जगह पतंग उड़ाने का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है। यह दिन हमारे जीवन को नई खुशियों से भर देता है और हमें नव चेतना से भरपूर करते हैं। Basant Panchmi Par Nibandh Essay on Basant Panchami in Hindi paragraph on basant panchami in hindi Essay on Diwali in Hindi- दिवाली पर निबंध मकर संक्रांति पर निबंध- Makar Sankranti Essay in Hindi Essay on Holi in Hindi- होली पर निबंध गणेश चतुर्थी पर निबंध- Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi. Basant Panchami Essay In English Short Essay 300 Words Basant Panchami is celebrated every year in the Magh month of Hindu calendar. बसंत पंचमी एक बहुत ही लोकप्रिय हिंदू त्योहार है, जो वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है । 2. अभिगमन तिथि 29 जनवरी 2020.

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Basant Panchami 2022 Essay सरस्वती पूजा बसंत पंचमी पर निबंध भाषण

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Saraswati is worshiped on this day. यदि आप 10 Lines On Basant Panchami in Sanskrit, Basant Panchami Short Essay in Hindi, बसंत पंचमी निबंध संस्कृत में, Basant Panchami Nibadh in Sanskrit सर्च करते हुए इस लेख तक आए है तब आप सही जगह है यहाँ से आप Important Lines On Basant Panchami, पा सकते है. Lines On Basant Panchmi 5 lines on basant panchami in hindi - 5 लाइन्स बसंत पंचमी इन हिंदी. प्रस्तावना: वसंत का पर्व माघ महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है । यह त्योहार अपनी तिथि के प्रारम्भ से दो महीने तक मनाया जाता है । अंग्रेजी महीने की फरवरी तिथि को मनाये जाने वाले इस त्योहार में ऋतुओं के राजा वसंत का स्वागत किया जाता है । वसंत का आगमन होते ही प्रकृति नयी-नवेली दुल्हन की तरह शृंगार कर, अपनी सुन्दरता, सरसता एवं मधुरता से सभी को विमोहित कर देती है । 2. बसंत पंचमी के आगमन से मनुष्य ही नहीं बल्कि अन्य जीव-जन्तु, पेड़-पौधे भी खुशी से नाच रहे होते हैं । 9.

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Paragraph on Basant Panchmi in Hindi Language

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माँ सरस्वती प्रदान करो साहित्य, संगीत, कला की भीख॥ दो मेरे कंठ में संगीत की कला, दूर करो आँखों से अंधेरा का साया, हे! विद्यालयों में इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं और कई प्रकार की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती है। Basant Panchami Par Nibandh 100 words बसंत पंचमी का त्यौहार माघ महीने की पंचमी को बड़ी ही धूमधाम से पूरे देश भर में मनाया जाता है। यह त्यौहार नई ऋतु के आगमन का संकेत होता है। बसंत पंचमी के दिन ज्ञान, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। विद्यालयों कॉलेजों आदि शिक्षा के संस्थानों में इस पर्व पर मां सरस्वती की पूजा करते हैं और अनेक प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है जिससे विद्यार्थियों को नई शिक्षा मिलती है और इस त्योहार के महत्व के बारे में पता चलता है। इस दिन से ही प्रकृति में एक अनोखी उर्जा देखने को मिलती है क्योंकि सर्दियों के बाद इस समय फिर से सभी पेड़ पौधों पर फूल पत्तियां आने लग जाती हैं और मौसम भी सुहावना हो जाता है। सभी मनुष्य पशु पक्षी एक नई ऊर्जा से भर जाते है। इस दिन सभी पीले वस्त्र धारण करके इस त्योहार का आनंद उठाते है। New Basant Panchami Essay in Hindi प्रस्तावना — बसंत पंचमी भारत देश में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्योहार है। इस त्यौहार के बाद से ही गीतों में अनेकों बदलाव देखने को मिलता है चारों ओर नई ऊर्जा और हर्षोल्लास का भाव पैदा हो जाता है। बसंत पंचमी का त्यौहार माघ महीने की पंचमी को मनाई जाती है, मुख्यतः बसंत पंचमी विद्यालयों में और शिक्षा से जुड़े लोगों द्वारा मनाई जाती है। मां सरस्वती की पूजा — बसंत पंचमी के त्यौहार का प्रारंभ मां सरस्वती की पूजा से किया जाता है, पुरानी मान्यताओं के अनुसार मां सरस्वती का जन्म हुआ था और मां सरस्वती को भगवान ब्रह्मा जी से ज्ञान संगीत और कला का वरदान प्राप्त हुआ था। इसलिए इन क्षेत्रों से संबंधित सभी लोग पीले वस्त्र धारण करके मां सरस्वती की वंदना करते है, दीपक जलाते है और अनेक प्रकार की रंग बिरंगे फूल मां सरस्वती के चरणों में अर्पित करते है। इसके बाद के प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है जिसमें सभी विद्यार्थी हिस्सा लेते है कार्यक्रम की समाप्ति पर सभी को प्रसाद वितरण किया जाता है। बसंत पंचमी का महत्व — बसंत पंचमी का महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन से वसंत ऋतु का आगमन होता है इसी के साथ प्रकृति का कण-कण खिल उठता है और नवजीवन का संचार हो जाता है क्योंकि इस समय सभी पेड़ पौधों पर नई फूल, पत्तियां, कलियां खिलती है। सभी पशु पक्षियों मनुष्य में अपूर्व ऊर्जा और आनंद की लहर दौड़ उठती है। बसंत ऋतु में गेहूं, जौ, चना इत्यादि की फसल पक कर तैयार हो जाती है इसलिए किसान भी अत्यधिक पर प्रफुल्लित रहते है। इस समय प्रकृति अपना सबसे अच्छा रूप दिखाती है क्योंकि यह सबसे सुहावना मौसम होता है और इसमें रंग-बिरंगे गुलमोहर ,चम्पा, सूरजमुखी और गुलाब के पुष्प खिलते है जो कि देखने में बहुत सुंदर लगते है और आंखों को शीतलता प्रदान करते है। इस ऋतु में प्रातः काल भ्रमण करने से स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है। इसीलिए वसंत ऋतु को ऋतुओ का राजा भी कहा जाता है। बसंत ऋतु का महत्व विद्यार्थियों के लिए भी होता है क्योंकि इस समय मौसम सुहावना होता है और सभी विद्यार्थी पूरा मन लगाकर पढ़ाई कर सकते है। इसीलिए विद्यार्थी इस दिन मां सरस्वती की पूजा करके उनका आशीर्वाद लेते हैं और अपनी पढ़ाई का प्रारंभ करते है। उपसंहार — बसंत पंचमी का त्योहार मन को शीतलता प्रदान करने और प्रकृति में नई ऊर्जा प्रदान करने का कार्य करता है। यह त्यौहार हमारी ऋतु के प्रति प्रेम-भाव को दर्शाता है। बसंत पंचमी के अवसर पर मां सरस्वती की पूजा करके इस त्यौहार को मनाया जाता है जो कि वसंत ऋतु में। और भी चार चांद लगा देता है। यह भी पढ़ें — बसंत पंचमी पर कविता — Poem on Basant Panchami in Hindi हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Basant Panchami Essay in Hindi पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।. बसंत पंचमी सर्दियों के मौसम के अंत का प्रतीक है। 5. यह त्यौहार माघ महीने के पांचवें दिन पंचमी पर हर साल मनाया जाता है। 4. This article can help the students who are looking for information about Basant Panchami in Hindi. सरस्वती मां विद्या की देवी मानी जाती है इसलिए इस दिन सभी विद्यालयों में मां सरस्वती की अर्चना की जाती है । 10. इस पर जल्लाद ने दिल मजबूत कर तलवार चला दी, पर उस वीर का शीश धरती पर नहीं गिरा। वह आकाशमार्ग से सीधा स्वर्ग चला गया। यह घटना वसंत पंचमी 23.

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Short Essay on 'Basant Panchami' in Hindi

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10 lines on Basant Panchami in Hindi

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This essay is very simple and easy to remember. West Bengal celebrates this festival as Saraswati Puja, Punjab and Bihar as festival of. बसंत पंचमी, बसंत ऋतू के आरम्भ का शुभ प्रतीक माना जाता है। बसंत ऋतू के पांचवे दिन के रूप में बसंत पंचमी को मनाया जाता है। बसंत पंचमी माघ महीने के पांचवे दिन में आती है यह जनवरी से लेकर फरवरी के बीच होती है। कई लोगो की मान्यता है कि बसंत पंचमी के शुभ दिन से बसंत ऋतू प्रारम्भ होता है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह मौसम अधिक सुहावना और खिला खिला सा होता है। यह दिन देवी सरस्वती के जन्म दिन के रूप में धूम धाम से मनाया जाता है। यह हिन्दुओं का त्यौहार है। इस दिन को शुभ माना जाता है। बसंत पंचमी का शुभ समय हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, यह उत्सव माघ महीने के शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस महीने में पेड़ पौधे, फूल और सरसो के पीले खेत मन को भा जाते है। इस मौसम में ना ज़्यादा गर्मी होती है और ना अधिक सर्दी। सुहावनी और सुगन्धित हवा इस मौसम में चार चाँद लगा देती है। बसंत पंचमी का मन भावन त्यौहार ऐसे ही मौसम में मनाया जाता है। बसंत ऋतू को कई लोग ऋतुराज भी कहते है।गर्मियों का मौसम आने से पहले मार्च से लेकर मई महीने तक बसंत ऋतू रहता है। सभी लोगो में उमंग छा जाती है कि बसंत ऋतू आ गया है। इस मौसम में लोग आम जिसे फलो का राजा कहा जाता है, उसका आनंद के साथ सेवन करते है। इस मौसम में थोड़ी ठंडी हवा चलती है। चिड़ियों की आवाज़ सवेरे को मनमोहक बना देती है। बसंत ऋतू का मौसम प्रत्येक कृषको के लिए ज़रूरी होता है। फसले पकने लगती है और उनको काटने का सटीक समय भी आ जाता है। सभी लोग भरपूर आनंद और उत्साह से भरे होते है। बसंत ऋतू में कई त्योहारों का आगमन होता है। जैसे होली रंगो का त्यौहार, हनुमान जयंती, लोहड़ी, बिहू इत्यादि। बसंत पंचमी का महत्व जब सर्दियों का मौसम ख़त्म होता है, तो बसंत के आगमन की तैयारी शुरू हो जाती है। देश के लगभग सभी राज्यों में सरवती पूजा की जाती है। इस त्यौहार में पशु पक्षी और पेड़ पौधे खुशियों से नाच उठते है। माँ सरस्वती को संगीत की देवी भी कहा जाता है। इसलिए सभी कलाकार इस दिन को प्राथमिकता देते हुए सरस्वती पूजा को सम्पूर्ण श्रद्धा के साथ मनाते है। सभी लोग इस त्यौहार पर पीले रंग के पोशाक पहनते है। सरस्वती माँ का आशीर्वाद पाने के उद्देश्य से विद्यार्थी और बड़े लोग व्रत रखते है और पुष्पांजलि देते है। पुष्पांजलि देने के पश्चात सभी लोग प्रसाद ग्रहण करते है। बसंत पंचमी के दिन पीला वस्त्र ही क्यों? Get information about basant panchami. . इस तरह बसंत पंचमी का त्यौहार आनंद और उत्साह के साथ पूर्ण होता है । Lines on Diwali in Hindi Lines on Holi in Hindi. . .

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10 lines on Basant Panchami in Hindi Language

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This article is generally useful for class 1, class 2, and class 3. जोमहत्वसैनिकोंकेलिएअपनेशस्त्रोंऔरविजयादशमीकाहै, जोविद्वानोंकेलिएअपनीपुस्तकोंऔरव्यासपूर्णिमाकाहै, जोव्यापारियोंकेलिएअपनेतराजू, बाट, बहीखातोंऔरदीपावलीकाहै, वहीमहत्वकलाकारोंकेलिएवसंतपंचमीकाहै।चाहेवहकविहोंयालेखक, गायकहोंयावादक, नाटककारहोंयानृत्यकार, सबअपनेदिनकीशुरुआतअपनेउपकरणोंकीपूजाऔरमांसरस्वतीकीवंदनासेकरतेहैं। Saraswati Puja Basant Panchami Essay Speech: Saraswati Puja on Basant Panchami is on Saturday, February 5 in 2022. Deepawali Divine information in Hindi. . इस दिन ज्ञान, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है। 3. बसंत पंचमी पर ज्यादातर फसल गेहूं,मक्का,चना आदि तैयार हो जाती है इसलिए इसकी खुशी में सभी भारतीय बसंत पंचमी का त्यौहार मनाते हैं । 7. माँ सरस्वती, तेरी है सुंदर माया॥ चाहे मोह-माया हो या अंधेरा काला, आपकी कृपया से आए उजाला, हे! हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह त्यौहार माघ महीने के पांचवें दिन पर हर साल मनाया जाता है, जो जनवरी से फरवरी के बीच आता है । 4.

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वसन्त पञ्चमी

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. According to the Hindu calendar, Saraswati, the goddess of learning, was born on the fifth day of Shukla Paksha in the month of Magha. अभिगमन तिथि 15 फ़रवरी 2013. We use your comments to further improve our service. माँ सरस्वती आपने जीने का सही अर्थ दे डाला॥ आपकी कृपया से अंतर मन में बढ़ी है शक्ति, अब आप ही लगा दो मेरे ज्ञान को सफलता की कश्ती, हे! Vasant Panchami Festival in Hindi वसंत पंचमी जिसे श्रीपंचमी के नाम से जाना जाता है। यह उत्तर तथा पूर्वी भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार वसंत के मौसम में मनाया जाता है, क्योंकि प्राचीन भारत में मौसमों छः भागों में बाटा गया था और बसंत उसमें लोगो का सबसे प्रिय मौसम था। यहीं कारण है कि प्राचीन काल से ही लोग वसंत पंचमी के इस त्योहार को इतने धूम-धाम के साथ मनाते हैं। इस दिन स्त्रियों द्वारा पीले वस्त्र पहने जाते है। वसंत पंचमी के इस कार्यक्रम को वसंत के मौसम के आगमन के रुप में भी मनाया जाता है। वसंत पंचमी का यह त्योहार माघ माह के पाचवें दिन आता है, इसे मौसम में होने वाले एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के रुप में देखा जाता है। धार्मिक और ऐतहासिक कारणों से इस दिन को पूरे भारत भर में काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। वसंत पंचमी 2022 वसंत पंचमी कब मनाई जाती है? वसंत पंचमी का त्यौहार क्यों मनाया जाता है, वसंत ऋतू 2022 का महत्त्व कविता निबंध Basant Panchami Importance and Kavita Essay in Hindi. वर्ष 2022 में वसंत पंचमी का त्योहार 5 फरवरी, शनिवार के दिन मनाया गया। वसंत पंचमी का त्योहार क्यों मनाया जाता है? Basant Panchami is a popular Hindu festival, also known as Vasant Panchami and Saraswati Puja.

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